आज रोशनी का त्योहार दीपावली है। आज के दिन धन की देवी मां लक्ष्मी, भगवान गणेश और महाराज कुबेर की पूजा की जाती है। मान्यता है कि दीपावली के दिन मां लक्ष्मी धरती पर विचरण करती हैं और अपने भक्तों पर कृपा बरसाती हैं। रात मां लक्ष्मी को जिस भक्त का घर पसंद आता है वो वहीं निवास करती हैं।
यही कारण है कि दीपावली पर लक्ष्मी माता की कृपा पाने के लिए लोग कई तरह के उपाय करते हैं। ऐसे में कुछ बातों का खास ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है। ज्योतिषाचार्य पंडित ऋषिकेश शुक्ल बता रहे हैं कि दीपावली के दिन मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए क्या करना चाहिए और क्या नहींः-
दीपावली पर क्या न करें
- घर के प्रवेश द्वार पर या घर के अंदर कहीं भी गंदगी न रहने दें, वरना मां लक्ष्मी का घर में आगमन नहीं होता है।
- किसी भी गरीब या जरूरतमंद को दरवाजे से खाली हाथ न लौटाएं।
- इस दिन जुआ न खेलें, शराब पीने और मांसाहारी भोजन लेने से बचें।
- भगवान गणेश की ऐसी मूर्ति न रखें, जिसकी सूंड दाहिनी ओर हो।
- घर के अंदर आतिशबाजी या फुलझड़ी का प्रयोग करें।
- किसी को लेदर से बना तोहफा, धारदार तोहफा और पटाखे न दें।
- दीपावली के दिन न कर्ज दें और न लें। सूर्यास्त के बाद किसी को कुछ न बांटें।
- पूजा स्थल को रात भर खाली न छोड़ें। उसमें इतना घी या तेल डालेंं की वह पूरी रात जलता रहे।
- दीपावली के दिन नाखून काटना, शेविंग न करें।
दीपावली पर क्या करें
- प्रातःकाल स्नानादि से निवृत्त होकर स्वच्छ एवं सुन्दर वस्त्र धारण करें।
- संकल्प के साथ दिनभर उपवास करें
- दिन में सुन्दर पकवान बनाएं और घर सजाएं। अपने से बड़ों का आशीर्वाद लें।
- शाम को पूजा से पहले पुनः स्नान करें।
- भोजन में स्वादिष्ट व्यंजन, कदली फल, पापड़ तथा अनेक प्रकार की मिठाइयां बनाएं।
- मां लक्ष्मीजी के चित्र के सामने एक चौकी रखकर उस पर मौली बांधें पुष्प अर्पित करें
- श्री लक्ष्मी गणेशजी की मिट्टी की मूर्ति स्थापित करें।
- चौकी पर छह चौमुखे व 26 या 52 छोटे दीपक रखें।
- जल, मौली, चावल, फल, पुष्प कमल का गुड़, अबीर, गुलाल, धूप आदि से विधिवत पूजन करें।
- पूजा के बाद एक-एक दीपक घर के कोनों में जलाकर रखें।
- एक छोटा तथा एक चौमुखा दीपक रखकर इस मंत्र से लक्ष्मीजी का पूजन करें- मम सर्वापच्छांतिपूर्वक दीर्घायुष्य बल पुष्टिनैरुज्यादि- सकलशुभफल प्राप्त्यर्थं गजतुरगरथराज्यैश्वर्यादि सकलसम्पदामुत्तरोत्तराभिवृद्ध्यर्थं इंद्र कुबेर सहित श्री लक्ष्मी पूजनं करिष्ये।
- दीपकों का काजल सभी स्त्री-पुरुष आंखों में लगाएं।
- व्यावसायिक प्रतिष्ठान, गद्दी की भी विधिपूर्वक पूजा करें।
- रात को बारह बजे दीपावली पूजन के उपरान्त चूने या गेरू में रुई भिगोकर चक्की, चूल्हा, सिल तथा छाज (सूप) पर तिलक करें।
- दूसरे दिन प्रातःकाल चार बजे उठकर पुराने छाज में कूड़ा रखकर उसे दूर फेंकने के लिए ले जाते समय कहें 'लक्ष्मी-लक्ष्मी आओ, दरिद्र-दरिद्र जाओ'।
ताली बजाने, शोर करने से लक्ष्मी माता हो जाती है नाराज
लक्ष्मी पूजा के समय ताली नहीं बजानी चाहिए। आरती बहुत तेज आवाज में न गाएं। कहा जाता है कि मां लक्ष्मी शोर से घृणा करती हैं। मां लक्ष्मी शांति प्रिय हैं, इसलिए परिवार के सदस्यों के बीच झगड़ा नहीं होना चाहिए। लक्ष्मी मां की अकेले पूजा ना करें। भगवान विष्णु के बिना उनका पूजन अधूरा माना जाता है।
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