अल्लाहुम्म सल्लि अला मुहम्मदि निन्नबिय्यिल उम्मी व-अला आलिही व-अस्हाबिही व बारिक़ व-सल्लिम्फिर एक मर्तबा इस दुआ को पढे :
Aakhri Budh Ke Din Ki Dua
अल्लाहुम्मा सर्रिफ़ अन्नी सू-अ हा-ज़ल यौमि वआ-सम्नी मिन् सूइही व-नज्जिनी अम्मा असा-ब फीहि मिन् बहूरि साआतिही वकुरुबातिही बिफ़ज़्लि-क या दाफि-अशरूरि या मालि- कन्नुशूरि या अऱ-ह-मर्राहिमीन वसल्लल्लाहु अला मुहम्मदिव्व आलिहिल अम्जादि व बारिक़ व-सल्लिम्इस नमाज़ और दुआ की बर्कत से अल्लाह पाक उसे तमाम बलाओं और कठिनाइयों से महफ़ूज़ (सुरक्षित) रखेगा ।
02. आखरी बुध के दिन की नफ़्ल नमाज़ – Aakhri Budh Ke Din Padhne Wali Nafl Namaz
सलाम फेरने के बाद सूर: इन्शिराह 80 मर्तबा ! सूर: तीन 80 मर्तबा; सूर: नस्र 80 मर्तबा ओर सूर: इख्लास 80 मर्तबा पढे ! यह नमाज़ रोजी में ज्यादती के लिये बहुत मुफीद और अफ़जल है !
आखरी बुध के दिन की दुआ – Akhri Budh Ke Din Padhne Wali Dua
बिस्मिल्ला हिर्रहमा निर्रहीम्या शदी-दल् क़विय्यि, या शदी-दल् महालि , या मफ-जलु, या मु-कर्रमु लाइला-ह इल्ला अन्त- बिरह- मति क या अऱ-हमर्राहिमीन
इस नमाज़ और इस दुआ के पढने वाले को उस दिन की तमाम आफ़तों और मुसीबतों से अल्लाह तआला महफूज़ (सुरक्षित) रखेगा
आखरी बुध के दिन की दुआ – :
आखरी बुध ( Aakhri Budh ) को फ़ज़्र की नमाज़ के बाद से इशा तक की नमाज़ में हर नमाज़ के बाद नीचे की कुरआनी दुआ को एक मर्तबा पढकर पानी पर दम करके खुद (स्वयं ) भी पिये और सब को पिलायें !
सलामुन् कौ -लम्मिर्रब्बिर्रहीमि सलामुन् अ ला नूहिन फिल आ-लमी-न+सलामुन् अला इब्राही-म सलामुन् अला मूसा वहारू-न + सलामुन् अला इल्यासी-न + सलामुन् अलैकूम् तिब तु म् फ़दखुलूहा खालिदी न + सलामुन् हि-य हत्ता म तलईल फ़जरि+
यह सात कुरआनी आयतें उम्र में ज्यादती, जान-माल की हिफाज़त (सुरक्षा) मेँ बहुत ही फायदेमंद (लाभदायक) हैँ !